한국어 English 日本語 Deutsch Español हिन्दी Tiếng Việt Português Русский 登录注册

登录

欢迎您

感谢您访问上帝的教会世界福音宣教协会网站。

请登录后,访问会员专区。
登录
用户名
密码

是否忘记密码? / 注册

韩国

वर्ष 2015 फसह के पर्व, अख़मीरी रोटी के पर्व और पुनरुत्थान के दिन की पवित्र सभा

  • 国家 | कोरिया
  • 日期 | 2015年4月03日
वर्ष 2015 के तीन बार के सात पर्व 3 अप्रैल(पवित्र कैलेंडर के अनुसार पहले महीने का चौदहवां दिन) को फसह के पर्व की पवित्र सभा से शुरू हुए। तीन बार के सात पर्व, जो मूसा के कार्यों के अनुसार नियुक्त किए गए, परमेश्वर के नियम हैं जिन्हें परमेश्वर की प्रजाओं को जरूर मनाना चाहिए। उनमें फसह का पर्व, अख़मीरी रोटी का पर्व, प्रथम फल का पर्व(पुनरुत्थान का दिन), सप्ताहों का पर्व(पिन्तेकुस्त का दिन), नरसिंगों का पर्व, प्रायश्चित्त का दिन और झोपड़ियों का पर्व है, और प्रत्येक पर्व में परमेश्वर की इच्छा एवं आशीषें निहित हैं।
3 अप्रैल की शाम को 175 देशों में करीब 2,500 चर्चों के सभी सदस्यों ने परमेश्वर को उनके उद्धार के लिए पर्व स्थापित करने के लिए धन्यवाद देते हुए फसह के पर्व की पवित्र सभा की सभी विधियों में भाग लिया।

ⓒ 2015 WATV
‘‘फसह के पर्व की पवित्र सभा: जो “जीवन के वृक्ष के फल” की वास्तविकता है उस मसीह के मांस और लहू में निहित अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा


फसह के पवित्र भोज की आराधना से पहले शाम 6 बजे पैर धोने की विधि की आराधना शुरू हुई। यीशु मसीह ने स्वयं पैर धोने की विधि सिखाई। फसह के पर्व के दिन यीशु ने यह कहते हुए कि, “यदि मैं तुझे न धोऊं, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी साझा नहीं,” अपने चेलों के पैर धोए और उन्हें इस उदाहरण का पालन करने का अनुरोध किया(यूह 13:1–15)

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने बताया कि जैसे पुराने नियम में याजक पवित्रस्थान में प्रवेश करने से पहले पीतल की हौदी में अपने हाथ पांव धोते थे ताकि वे न मरें(निर्ग 30:17–21), यीशु ने अपने को दीन–हीन बना लिया और स्वयं अपने चेलों के पैर धोए। और उन्होंने सदस्यों को पैर धोने की विधि का अर्थ ज्ञात कराया। सदस्यों ने मसीह के उदाहरण के अनुसार पैर धोने की विधि में भाग लिया।

उसके बाद पवित्र भोज की आराधना शुरू हुई। माता ने पिता को धन्यवाद दिया जिन्होंने स्वर्ग के पापों के कारण सर्वदा मरने को मजबूर बेचारी आत्माओं को बचाने के लिए क्रूस के दुखों को सहन किया और नई वाचा स्थापित किया, और माता ने प्रार्थना की कि सभी संतान परमेश्वर के मांस और लहू के द्वारा मिले उद्धार का मूल्य महसूस करें और पवित्रता से फसह का पर्व मनाएं।

ⓒ 2015 WATV
प्रधान पादरी किम जू चिअल ने उत्पत्ति किताब में दर्ज अदन की वाटिका के इतिहास के द्वारा फसह के महत्व पर जोर दिया। आदम और हव्वा ने भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल खाया जिसे परमेश्वर ने खाने को मना किया था, और वे पापी बनकर मृत्यु के भागी बने और जीवन के वृक्ष का फल खाकर अनन्त जीवन पाने का प्रयत्न किया। लेकिन परमेश्वर ने दो करूबों को और चारों ओर घूमनेवाली ज्वालामय तलवार को नियुक्त करके जीवन के वृक्ष के मार्ग को बन्द किया(उत 2:9–17; उत 3:22–24) प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा, “जीवन के वृक्ष के फल की वास्तविकता, जिसे आदम और हव्वा ने खोया था, यीशु का मांस और लहू है। इसलिए हम फसह के पर्व में यीशु के मांस और लहू के द्वारा पापों की क्षमा और अनन्त जीवन पा सकते हैं।”

और उन्होंने बताया, “नई वाचा का फसह का पर्व जिसे यीशु ने स्थापित किया था, 325 ई. में रोमन सम्राट कॉनस्टॅन्टीन के द्वारा मिटा दिया गया था, जिससे मानव जाति ने अनन्त जीवन का मार्ग फिर से खो दिया था। लेकिन यीशु दूसरी बार आए और फिर से फसह का पर्व लौटा दिया। इससे हम आज फसह की विधि में भाग ले सकते हैं।” उन्होंने सदस्यों से यह निवेदन किया कि जो जीवन के वृक्ष के फल की वास्तविकता न जानते हुए पाप के बंधन में बंधे हैं, उन लोगों को नई वाचा का सत्य मेहनत से सुनाएं और उनकी अनन्त जीवन के मार्ग में अगुवाई करें(मत 13:34–35; यूह 6:53–57; मत 26:17–28; इब्र 9:27–28; यश 25:6–9)

सदस्यों ने यीशु मसीह के प्रेम को अपने मन में अंकित करके फसह के पवित्र भोज में भाग लिया। उन्होंने कहा, “परमेश्वर ने पापियों को बचाने के लिए अपना पवित्र मांस और लहू दे दिया। हमें आशा है कि जैसे परमेश्वर ने हमसे प्रेम किया, वैसे ही हम अपने भाई–बहनों से अपने समान प्रेम करें।” यह कहकर उन्होंने अपने दिल की गहराई से परमेश्वर को धन्यवाद दिया।

अख़मीरी रोटी के पर्व की पवित्र सभा: सारी मानव जाति के पापों की क्षमा के लिए सहा क्रूस का दुख

सह के अगले दिन 4 अप्रैल(पवित्र कैलेंडर के अनुसार पहले महीने का पंद्रहवां दिन) को दुनिया भर में चर्च ऑफ गॉड ने उन यीशु के बलिदान को स्मरण करते हुए, जिन्होंने सारी मानव जाति के पापों की क्षमा के लिए क्रूस का दुख सहा था, अख़मीरी रोटी के पर्व की पवित्र सभा का आयोजन किया। अख़मीरी रोटी का पर्व वह दिन है जब यीशु बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार क्रूस पर चढ़ाए गए। “वे दिन आएंगे जब दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा; उस समय वे उपवास करेंगे(मर 2:20),” इस वचन के अनुसार सदस्य फसह के पर्व के दिन की आधी रात से लेकर अख़मीरी रोटी के पर्व के दिन की दोपहर 3 बजे तक उपवास करने के द्वारा मसीह के दुखों में सहभागी हुए।

ⓒ 2015 WATV
सब्त के दिन की आराधना के साथ आयोजित अख़मीरी रोटी के पर्व की पवित्र सभा में माता ने पिता परमेश्वर को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपनी संतानों को बचाने के लिए क्रूस पर अपना बलिदान दिया। उन्होंने सदस्यों से यह महसूस करने का अनुरोध किया कि मानव जाति के पाप इतने गहरे थे कि परमेश्वर को मृत्यु की पीड़ा झेलनी पड़ी, और फिर उन्होंने पूर्ण रूप से पश्चाताप करने का अनुरोध किया, ताकि वे ऐसे पाप फिर कभी न करें।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने अख़मीरी रोटी के पर्व की शुरुआत और अर्थ ज्ञात कराया और जोर देकर कहा, “2 हजार वर्ष पहले यीशु क्रूस पर चढ़ाए गए। किसके लिए और किसके कारण उन्हें अपना बल्दिान देना पड़ा, यह महसूस करके हमें पापों में फिर कभी नहीं फंसना चाहिए।”
जिनका यीशु ने मरने से पहले अनुभव किया उन तिरस्कारों, घृणाओं और लज्जाओं का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा, “जैसे यीशु ने हमारे उद्धार के लिए अपने दुखों की कोई परवाह नहीं की और क्रूस पर कष्ट स्वीकार किया, हम चाहे कितनी भी कठिनाई में क्यों न हों, आइए हम परमेश्वर के प्रायश्चित्त के अनुग्रह को सोचते हुए धैर्य के साथ सहन करें(लैव 23:5; मर 2:18; मत 9:13–15; इब्र 12:2; यश 53:1–12)”

प्रथम चर्च के प्रेरितों और संतों ने यीशु के इन वचनों पर विश्वास किया, “धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है(मत 5:10),” और यीशु के पदचिह्नों पर चलते हुए सभी कष्टों का सामना निडरता एवं निर्भीकता के साथ किया। सदस्यों ने भी और अधिक दृढ़ स्वर में कहा, “हम विश्वास के पूर्वजों के समान सुसमाचार के मार्ग पर साहसपूर्वक आगे बढ़ेंगे और उन सभी आत्माओं को ढूंढ़ेंगे जिन्हें परमेश्वर ने अपने प्राणों से प्रिय समझा।”

पुनरुत्थान के दिन की पवित्र सभा: पुनरुत्थान और रूपान्तरर की जीवित आशा

ⓒ 2015 WATV
ख़मीरी रोटी के पर्व के बाद पहले सब्त का अगला दिन पुनरुत्थान का दिन होता है। यीशु जो क्रूस पर मरे उनका शव यूसुफ नामक अरिमतिया के एक धनी व्यक्ति की कब्र में रखा गया, और इस दिन वह अधोलोक के वश पर विजयी होकर फिर जी उठे, और उन्होंने सारी मानव जाति को पुनरुत्थान की जीवित आशा दी। फसह और अख़मीरी रोटी के पर्व के बाद 5 अप्रैल को पूरे संसार में सब सदस्यों ने खुशी और आनंद के साथ पुनरुत्थान के दिन की पवित्र सभा में भाग लिया।

माता ने मृत्यु की जंजीरों में बंधी अपनी संतानों के हृदयों में पुनरुत्थान की आशा बोने के लिए और महिमामय स्वर्ग में वापस जाने का मार्ग खोलने के लिए परमेश्वर को धन्यवाद दिया। माता ने उत्सुकता से प्रार्थना की कि सारी मानव जाति उद्धार और स्वर्गदूतों की दुनिया के बारे में परमेश्वर के वचनों को पूरी तरह महसूस करे, ताकि किसी आत्मा के छूटे बिना सभी लोग पुनरुत्थान और रूपान्तार के भागी बनें।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने बाइबल के उल्लेखों के आधार पर पुनरुत्थान और रूपान्तसर के बारे में उपदेश दिया। बाइबल के अनुसार जब परमेश्वर ऊंचे स्वर की तुरही के साथ आएंगे, तब मृतक पुनर्जीवित होंगे, और जीवित लोग रूपान्तरित होकर महिमामय रूप धारण करेंगे, और सब स्वर्ग में प्रवेश करेंगे(1थिस 4:17; फिलि 3:21)। उन्होंने यह कहकर सदस्यों को बड़ी मेहनत व लगन से सुसमाचार का कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया, “आइए हम निश्चित तौर पर उस स्वर्ग के राज्य के अस्तित्व पर विश्वास करें जो इस दुनिया से बिल्कुल अलग है। जैसा लिखा है, ‘जो जैसा बोता है, वैसा काटता है,’ स्वर्ग के अविनाशी पुरस्कारों को एकत्र करने का बड़ा प्रयास करें।”

उन्होंने इस तथ्य को उजागर किया कि आज संसार में ईस्टर के नाम से मनाए जाने वाले पुनरुत्थान के दिन का नाम, शुरुआत, तारीख और प्रथा गैर–बाइबल की शिक्षाओं से जुड़े हुए हैं। और उन्होंने कहा, “आइए हम उन लोगों को जो सत्य और झूठ के बीच अंतर न करते हुए गैर–ईसाइयों की गलत प्रथाओं का पालन कर रहे हैं, बाइबल की सही शिक्षाओं को बताएं और एक साथ पुनरुत्थान और रूपान्तेर की आशीष पाएं।

दोपहर की आराधना के बाद, माता ने अपनी संतानों को सांत्वना दी जिन्होंने पूरी ईमानदारी से पर्व मनाए, और उन्हें प्रत्येक पर्व के अर्थ और आशीष का एहसास कराया। उन्होंने कहा, “आइए हम परमेश्वर का धन्यवाद करें कि उन्होंने पापियों को स्वर्ग में ले जाने के लिए अपना बलिदान किया। परमेश्वर को सच्चा धन्यवाद देने का मार्ग पर्वों को पूरी ईमानदारी से मनाना है और परमेश्वर की इच्छाओं के प्रति आज्ञाकारी रहना है। स्वर्ग के महिमामय भोज में शामिल होने तक कृपया धन्यवाद देना न भूलिए।”

उस दिन जब यीशु जी उठे, वह दो चेलों के सामने प्रकट हुए जो इम्माऊस की ओर जा रहे थे, और उनकी आत्मिक आंखों को आशीषित की गई रोटी के द्वारा खोल दिया। दो हजार वर्ष पहले घटी घटनाओं को स्मरण करते हुए सदस्यों ने रोटी खाई। 3 दिनों तक चले पर्वों का समापन हुआ। अनन्त जीवन और पुनरुत्थान की आशा संजोए हुए वापस घर लौटते हुए सदस्यों ने दृढ़ संकल्प किया कि,

“विश्वास का मुख्य तत्त्व, जिसका परमेश्वर ने इस बार पर्वों के द्वारा हमें एहसास कराया, वह प्रेम और बलिदान है। जैसे परमेश्वर ने हम से प्रेम किया, वैसे ही हम अपने भाई–बहनों से अपने समान प्रेम करेंगे और सुसमाचार का प्रचार उस बलिदानमय रवैए के साथ करेंगे जिसका यीशु ने स्वयं उदाहरण दिखाया।”




教会介绍影像
CLOSE
报纸
非政府组织联合居民绘制 班台惹雅70公尺壁画诞生
报纸
荒廢草場大變身 班台惹雅有壁畫了
报纸
羅弄瑪蘇里公園添壁畫 居民打卡新地標