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韩国

वर्ष 2017 नरसिंगों के पर्व, प्रायश्चित्त के दिन और झोपड़ियों के पर्व की पवित्र सभा

  • 国家 | कोरिया
  • 日期 | 2017年9月21日
ⓒ 2017 WATV
शरद ऋतु सभी प्रकार के अनाज और फल की फसल काटने का मौसम है। परमेश्वर के द्वारा नियुक्त किए गए 3 बार में 7 पर्वों में से अंतिम तीसरे भाग में नरसिंगों के पर्व, प्रायश्चित्त के दिन और झोपड़ियों के पर्व को ‘पतझड़ के पर्व’ कहा जाता है, जिसमें परमेश्वर की प्रचुर आशीष और सुसमाचार के फल की तैयारी की गई है। दुनिया भर में चर्च ऑफ गॉड के सदस्यों ने यह आशा करते हुए कि पापों की क्षमा के अनुग्रह और पिछली वर्षा के पवित्र आत्मा की शक्ति पाकर बहुतायत से सुसमाचार के फल फलें, पवित्र मन से पर्व मनाए।

नरसिंगों का पर्व: पूरे हृदय से अपने पापों को अंगीकार करके पश्चाताप करो
21 सितंबर को(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का पहला दिन), पतझड़ के पर्व नरसिंगों के पर्व की पवित्र सभा के साथ शुरू हुए। नरसिंगों के पर्व की शुरुआत इस घटना से हुई कि मिस्र से निकलकर जंगल में रहते समय, इस्राएलियों ने सोने के बछड़े की मूर्तिपूजा की जिससे दस आज्ञाओं की पटियाओं को टुकडे. टुकड़े कर दिया गया। इस्राएलियों ने जिन्होंने अपने पापों को महसूस किया, अपने गहने को उतारकर पूरे हृदय से पश्चाताप किया। इसलिए परमेश्वर ने मूसा को फिर से सीनै पर्वत पर बुलाया और दस आज्ञाओं को दूसरी बार प्रदान किया। प्रायश्चित का दिन(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का दसवां दिन) वह दिन है जिस दिन जब मूसा दूसरी बार दस आज्ञाओं को प्राप्त किया और सीनै पर्वत से नीचे उतरा। और प्रायश्चित्त के दिन से 10 दिन पहले, यानी पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का पहला दिन नरसिंगों का पर्व है जिस दिन से शुरू करके लोगों ने नरसिंगे फूंकते हुए पश्चाताप करने का आग्रह किया(निर्ग 34:1, 28; लैव 23:23–34)।

इस्राएलियों का कार्य एक इतिहास है जो हमें परमेश्वर के विरुद्ध मानव जाति के पाप जानने देता है। नरसिंगों के पर्व की पवित्र सभा में माता ने आग्रहपूर्वक प्रार्थना की कि स्वर्गीय संतानों के स्वर्ग और धरती पर किए गए पाप और जाने–अनजाने में किए गए पाप पूरी तरह से क्षमा की जाएं ताकि उनकी आत्माएं ऊन जैसे श्वेत और हिम जैसे शुद्ध हो जाएं।

ⓒ 2017 WATV
나팔절을 시작으로 대속죄일, 초막절 대성회가 새예루살렘 판교성전을 비롯한 전 세계 하나님의 교회에서 거행됐다.

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने नरसिंगों के पर्व के अर्थ और पश्चाताप के महत्व को समझाते हुए दो बातें अर्थात् ‘प्रार्थना’ और ‘प्रचार’ पर जोर दिया। पादरी किम जू चिअल ने कहा, “परमेश्वर ने हमें दस दिनों की प्रार्थना अवधि दी जिससे हम अपने पूरे दिल से हमारे पापों को अंगीकार करें और संपूर्ण पश्चाताप करें। हम नहीं जानते कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए, परन्तु पवित्र आत्मा ऐसी आहें भर भरकर, जो बयान से बाहर हैं, हमारे लिए विनती करते हैं, इसलिए आइए हम सच्चे मन से पश्चाताप की प्रार्थना चढ़ाएं।”

और उन्होंने यह भी कहा, “सच्चा पश्चाताप ‘प्रचार’ के द्वारा प्रकट होता है। आइए हम परमेश्वर की इच्छा को समझें जो सभी मानव जाति को पश्चाताप करना और उद्धार पाना चाहते हैं, और लोगों को पश्चाताप करने का आग्रह करने के लिए जोर से नरसिंगे फूंकें(गिन 29:1–6; रोम 8:21–23; मत 7:7–8; भज 51:17)।”

इस दिन की शाम से लेकर दस दिनों तक भोर और शाम को प्रार्थना अवधि की आराधना मनाई गई।

प्रायश्चित्त का दिन: सभी पाप मिटाए गए और हमारी आत्माएं हिम जैसे श्वेत हो गईं
सदस्यों ने जिन्होंने नरसिंगों के पर्व के बाद भोर और शाम की आराधना मनाते हुए अपने पापों को अंगीकार किया, 30 सितंबर को(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का दसवां दिन) प्रायश्चित्त की सुबह का स्वागत किया।

पुराने नियम के प्रायश्चित्त के दिन की विधि मानव जाति के पाप क्षमा होने के सिद्धांत को अच्छे से दिखाती है। आम तौर पर लोगों के पाप भेड़ और बकरी को बलि करने के द्वारा पवित्रस्थान में सौंपे जाते थे। प्रायश्चित्त के दिन में लोगों के पाप जो अस्थायी रूप से पवित्रस्थान में रखे गए थे, उस बकरे के ऊपर सौंपे जाते थे जिस पर महायाजक के द्वारा अजाजेल के लिए चिट्ठी निकली। तब, बकरा इस्राएलियों के सारे अधर्म और पाप को अपने ऊपर लादे हुए किसी निर्जन स्थान में छोड़ दिया जाता था। जब बकरा जंगल में मर जाता, तब लोगों के सभी पाप नष्ट हो जाते थे।

माता जिन्होंने इन दिनों तक सभी संतानों के पश्चाताप और पापों की क्षमा के लिए उत्सुकता से प्रार्थना की, ने कहा, “आपके सभी पाप, यहां तक कि धूल के समान छोटे पाप भी परमेश्वर के प्रेम और बलिदान से नष्ट हो गए, इसलिए फिर कभी पाप में न पड़ें, पर परमेश्वर के सदृश्य बनें जो पवित्र हैं, ताकि आप पवित्र विश्वास के साथ 7 अरब लोगों को पश्चाताप करने और उनकी स्वर्ग की ओर अगुवाई करने का आशीषित जीवन जी सकें।”

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने जोर दिया, “मानव जाति के लिए जो पाप के कारण इस मृत्यु की भूमि में आईं, सबसे महत्वपूर्ण बात पापों से फिरकर परमेश्वर की ओर लौट जाना है।” और उन्होंने प्रायश्चित्त के दिन की विधि में छिपे उद्धारकर्ता के बारें में स्पष्ट रूप से बताया। पुराने नियम की व्यवस्था के अनुसार, महायाजक साल में एक बार, यानी प्रायश्चित्त के दिन में परमपवित्रस्थान में प्रवेश करता, और पापबलि चढ़ाता था और उस बकरे पर जिस पर अजाजेल के लिए चिट्ठी निकली, सभी पाप को सौंपकर निर्जन जंगल में छोड़ देता था। परमपवित्रस्थान के बिना पापों की क्षमा नहीं होती थी(लैव 16:8–30)।

पादरी किम जू चिअल ने कहा, “परमपवित्रस्थान स्वर्गीय यरूशलेम, यानी हमारी आत्माओं की माता को दर्शाता है। हमारे लिए जो हमारी खुदकी शक्ति और तरीके से शुद्ध नहीं हो सकते, स्वर्गीय पिता ने परमपवित्रस्थान की असलियत स्वर्गीय माता की ओर जाने का रास्ता खोल दिया, ताकि हम संपूर्ण रूप से पापों की क्षमा पा सकें।” औए उन्होंने सदस्यों से इस सुसमाचार को फैलाने के लिए अधिक प्रयास करने के लिए निवेदन किया, ताकि पूरी दुनिया माता परमेश्वर की ओर लौट सके और संपूर्ण पापों की क्षमा और उद्धार पा सके(लैव 16:6–17; मला 3:7; यश 44:22; इब्र 9:1–12; 10:19–20)।

ⓒ 2017 WATV

झोपड़ियों का पर्व और पर्व का अंतिम दिन:
पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से 7 अरब लोगों को प्रचार करने का आंदोलन पूरा करें


5 अक्टूबर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का पंद्रहवां दिन), प्रायश्चित्त के दिन के पांच दिन बाद, झोपड़ियों के पर्व की पवित्र सभा हुई। सदस्य आशा, उत्साह और अभिलाषा के साथ झोपड़ियों के पर्व में शामिल हुए कि वे पिछली वर्षा के पवित्र आत्मा की शक्ति पाकर 7 अरब लोगों को प्रचार करने का आंदोलन पूरा करेंगे।

माता ने पूरे संसार में आत्मिक संतानों को पिछली वर्षा के पवित्र आत्मा भरपूर बरसने की आशीष दी, और उनके लिए प्रार्थना की कि वे पवित्र आत्मा पाने के योग्य विश्वास रखें और महान पात्र बनें। उन्होंने हमें पुराने नियम के झोपड़ियों के पर्व के बारे में स्मरण दिलाया कि इस्राएली जैतून, अनार और खजूर की डालियों को इकट्ठा करके झोपड़ियां बनाते थे और आनन्द के साथ पर्व मनाते थे। और माता ने यह कहकर आत्मविश्वास भी दिया कि “इस युग में जब परमेश्वर ने हमारे लिए बहुत सारे फल और आशीष तैयार की है, यदि हम पवित्र आत्मा की सामर्थ्य पाएंगे, हम अपने स्वर्गीय परिवार के सभी सदस्यों को खोज सकेंगे जो पेड़ और मंदिर की सामग्रियों के रूप में दर्शाए गए हैं, और स्वर्गीय मंदिर का निर्माण पूरा कर सकेंगे।”

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने यहोशू और कालेब के इतिहास के द्वारा उपदेश दिया कि सभी भविष्यवाणियां परमेश्वर की शक्ति से पूरी होती हैं। बारह भेदियों में से दस भेदियों ने कनान देश की निन्दा की और इस्राएलियों को निराशा में डाल दिया। लेकिन उनके विपरीत यहोशू और कालेब ने आत्मविश्वास से कहा, “परमेश्वर हमारे साथ हैं, और वह हमारी अगुवाई उस देश की ओर करेंगे।”

पादरी किम जू चिअल ने सदस्यों के रवैये के बारे में बताया जो इस युग में जी रहे हैं, कि सिर्फ यहोशू और कालेब जिनके पास संपूर्ण विश्वास था, ने परमेश्वर के वादे के अनुसार कनान में प्रवेश किया। आइए हम इस इतिहास को न भूलें, और भविष्यवाणी और पवित्र आत्मा की शक्ति पर दृढ़ता से विश्वास करें और भविष्यवाणी के साथ कदम से कदम मिलाते हुए आगे बढ़ें।”(निर्ग 35:20–29; नहे 8:13–18; मर 9:27–29; यश 41:10–12; फिलि 4:13)

उस दिन की शाम से झोपड़ियों के पर्व के प्रचार की सभा शुरू हुई। जैसे इस्राएलियों ने जिन्होंने दूसरी बार दस आज्ञाएं प्राप्त कीं, खुश मन से मंदिर की सामग्रियां इकट्ठी की थीं, वैसे ही पूरे संसार के सदस्यों ने पापों की क्षमा और पवित्र आत्मा की आशीष प्रदान करने के लिए परमेश्वर को धन्यवाद दिया और खुशी से प्रचार की सभा में भाग लिया।

कोरिया में प्रचार की सभा के बीच छुसक नामक राष्ट्रीय पर्व की छुट्टी आई। इसलिए सदस्यों ने परिवारों और रिश्तेदारों को जिनसे व्यस्त होने के कारण मिलना मुश्किल था, नई वाचा के सत्य का प्रचार करने में पूरी शक्ति लगाई। दुनिया भर में चर्च के सदस्य शॉर्ट टर्म मिशन और विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा सुसमाचार के क्षेत्र को जोतने में जुट गए; और विश्व के सभी क्षेत्रों में 7 अरब लोगों को प्रचार करने का आंदोलन जोशीले ढंग से किया गया।


ⓒ 2017 WATV

इस दौरान, 12 अक्टूबर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का बाईसवां दिन), झोपड़ियों के पर्व का अन्तिम दिन आ गया। यह वह दिन है जब 2,000 वर्ष पहले यीशु ने यह कहा था, “यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आए और पीए। जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्रशास्त्र में आया है, ‘उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी’”(यूह 7:37–38)।

सुबह की आराधना में, माता ने सदस्यों को जिन्होंने सिय्योन के लोगों के रूप में इस वर्ष के दौरान तीन बार में सात पर्वों को ईमानदारी से मनाया, “जीवन का जल पाओ” शीर्षक के तहत स्वयं उपदेश दिया। माता ने जीवन के जल का स्रोत, आत्मा और दुल्हिन के अस्तित्व के बारे में स्मरण दिलाया। और यह कहते हुए कि आजकल बहुत से लोग आत्मिक प्यास से पीड़ित हैं क्योंकि उन्होंने परमेश्वर से जीवन का जल नहीं पाया। यदि कोई प्रचार न करे, तो वे कैसे परमेश्वर के बारे में सुन सकेंगे और उन पर विश्वास कर सकेंगे?” माता ने विनती की कि वे झोपड़ियों के पर्व के पवित्र आत्मा की शक्ति से सभी लोगों की जीवन के जल के सोते की ओर अगुवाई करें।

और उन्होंने कहा, “यदि हम पवित्र आत्मा पाएंगे, तो परमेश्वर स्वयं हमें कार्य करने देते हैं और सभी काम पूरा हो जाते हैं यहां तक कि वह काम भी जो मनुष्य के लिए असंभव हैं।” यह कहकर, माता ने उन्हें हिम्मत दी कि वे धीरज के साथ पवित्र आत्मा के आंदोलन में भाग लें, और चाहा कि वे सब स्वर्ग में अनन्त पुरस्कारों का आनन्द उठाएं(जक 14:8, प्रक 22:17, यूह 4:7–30, प्रक 22:1–2, यश 55:1–6, आम 8:11)।

दोपहर की आराधना में, पादरी किम जू चिअल ने “स्वर्ग की आशीष और सुसमाचार का मिशन” शीर्षक के तहत उपदेश दिया। उन्होंने कहा, “पिछली वर्षा यानी पवित्र आत्मा पाने की शर्त यह है कि परमेश्वर को जानना,”(हो 6:3) और प्रथम चर्च के इतिहास के बारे में फिर से अवलोकन किया कि उस समय केवल प्रेरितों और चेलों पर पवित्र आत्मा उंडेला गया था जिन्होंने शरीर में आए मसीह को ग्रहण किया।

और उन्होंने जोर देकर कहा, “आइए हम पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर के द्वारा दिए गए पवित्र आत्मा को न बुझाएं और सामरिया और पृथ्वी की छोर तक सुसमाचार का प्रचार करने का मिशन को पूरा करें।”(उत 1:26–27; गल 4:26; रो 8:16)
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