
ⓒ 2010 WATV
पिछले जनवरी को हैती में हुए शक्तिशाली भूकंप से एक सौ लाख जनसंख्या के लोगों में से तीस लाख लोग घालय हुए और 90 प्रतिशत की इमारतें ढह गईं। परमेश्वर के प्रेम और सदस्यों के समर्पण से दुर्भाग्य–ग्रस्त हैती में आशा का बीज बोया गया।
29 जून को सुबह 11 बजे(स्थानीय समय) प्रधान पादरी किमजूचिअल और उनके साथियों ने न्यूयार्क में स्थित यू एन महासभा में मुलाकात करके हैती भूकंप से पीड़ित लोगों के लिए राहत दान दिया। अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र में चर्च दौरे के दौरान पादरी किमजूचिअल ने केंद्रीय आपात राहत कोष(CERF) में यह कहकर एक लाख डालर दिया कि ‘सूखे और बंजर संसार में जो उन्हें चंगा कर सकता है, वह सिर्फ माता का प्रेम है जो बिना शर्त के बलिदान करती हैं, क्योंकि हम माता परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, माता का वह प्रेम लेकर, जो प्रेम में सबसे बड़ा प्रेम है, दुनिया में पड़ोसियों की मदद करना चाहते हैं, यह सभी सदस्यों की आशा है।’

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CERF के कर्मचारियों ने प्रधान पादरी किमजूचिअल और उनके साथियों का स्वागत किया और चर्च का परिचय वीडियो देखा, और यह कहते हुए उनका आभार व्यक्त किया, कि ‘हम सभी सदस्यों को संसार को बेहतर बनाने के लिए साथ मिलकर भले काम करते देखकर प्रभावित हुए हैं।’
अगले दिन 30 जून को एन साझेदारी विभाग(UNOP) के निर्देशक अमीर दोसाल ने यू एन महासभा में पादरी किमजूचिअल को फिर आमंत्रित किया और दोनों के बीच संबंध बढ़ाने के मुद्दे पर बातचीत की, और राहत दान के लिए अधिक आभार जताते हुए कहा कि ‘यू एन का विचार है कि आप लोग संसार को बदल सकते हैं’, ‘हम आशा करते हैं कि गरीब, भूकंप और विपत्ति से पीड़ित रहे संसार में बहुत से लोगों के लिए आगे चर्च ऑफ गॉड और यू एन साथ मिलकर कार्य करें।

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यू एन ने होमपेज में ऐसी खबर दी कि ‘चर्च ऑफ गॉड दुनिया भर में सबसे तेजी से विकसित हो रहा है’, ‘150 देशों में 1000 चर्च की शाखाएं स्थापित हो चुकी हैं’, और ‘राहत दान जो चर्च ऑफ गॉड ने दिया है, वह धार्मिक समुदायों से मिली अब तक की सबसे बड़ी राशि है।’ यह दान उस संगीत गोष्ठी के द्वारा तैयार किया गया था जो मसीहा आर्केस्ट्रा ने पिछले फरवरी को बुसान में हैती भूकंप से पीड़ित लोगों की मदद के लिए आयोजित की थी। यू एन ने इस बात पर ध्यान दिया कि बहुत से कोरियाइयों ने हैती के भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए मन लगाया है।
प्रधान पादरी किमजूचिअल ने परमेश्वर को धन्यवाद दिया जिन्होंने यू एन के द्वारा जो दुनिया के सभी देशों का संघ है, दुनिया के पड़ोसियों की मदद करने और एलोहीम परमेश्वर की महिमा प्रकट करने का मौका दिया है। और उन्होंने यह कहते हुए अपनी आकांक्षा जताई कि हम माता के जीवन के जल के वचन और प्रेम से अच्छी सामरिया स्त्री की तरह पूरे संसार की मदद करेंगे और आगे माता का प्रेम संसार में सभी पड़ोसियों को प्रसारित करेंगे।