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नेपाल में श्री भवानी प्राथमिक स्कूल के नवनिर्माण कार्य का समापन समारोह

  • 救灾活动
  • 国家 | नेपाल
  • 日期 | 2016年11月28日
ⓒ 2016 WATV

2015 में 7.8 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप नेपाल में आया था, जिससे नेपाल को भारी नुकसान हुआ थाऌ 8,900 से अधिक लोग मारे गए थे और 6,00,000 घर ढह गए थे। 25 अप्रैल 2015 में आए इस भूकंप के बाद नेपाल के क्षतिग्रस्त क्षेत्रों को अंतरराष्ट्रीय समाज की चिंता और समर्थन जारी रहता है। भूकंप के बाद से लेकर अब तक, चर्च ऑफ गॉड भी नेपाल को पुन: बहाल करने के लिए प्रधान कार्यालय और स्थानीय सदस्यों के बीच सहयोग के माध्यम से दूरगामी गतिविधियों का संचालन कर रहा है, जैसे कि भोजन और दैनिक आवश्यक वस्तुओं का दान करना, भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बहाली का काम करना, सफाई करना इत्यादि।

उनमें से एक गतिविधि “मां स्कूल(Mother's School) परियोजना” है। यह छात्र–छात्राएं जिन्हें भूकंप से स्कूल की इमारतों के ढह जाने के कारण पढ़ाई में मुश्किल हो रही है, उनके स्कूलों की इमारतों का नवनिर्माण करने के लिए स्वयंसेवा कार्य है। यह परियोजना बहुत ही अर्थपूर्ण है क्योंकि यह बड़े भूकंप के प्रभाव से पीड़ित नेपाल को स्कूली शिक्षा को बहाल करके अपने भविष्य की नींव फिर से डालने में मदद कर सकती है। प्रथम मां स्कूल सिन्धुपाल्चोक में स्थित श्री बसबरी प्राथमिक स्कूल है। अगस्त 2015 में उसका निर्माण शुरू हुआ था, और इस साल 2 मार्च में वह स्कूल खुल गया।

श्री भवानी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल द्वितीय मां स्कूल के रूप में चुना गया। उसकी एक इमारत भूकंप के दौरान नष्ट हुई थी और उसे गंभीर नुकसान हुआ था। 50 से अधिक छात्रों को अपनी कक्षाओं को खोने के बाद अस्थायी तम्बुओं में और ऐसी इमारतों में जिनके गिरने की आशंका बनी रहती थी, असुविधा और खतरे को सहन करना पड़ता था। जब चर्च के सदस्यों ने यह समाचार सुना कि जनशक्ति और बजट की कमी के चलते एक वर्ष से अधिक समय से स्कूल को बहाल करने का कार्य नहीं चल रहा है, तब उन्होंने अपनी आस्तीन ऊपर चढ़ाई और द्वितीय मां स्कूल परियोजना शुरू की।

ⓒ 2016 WATV

अगस्त 2016 में काठमांडू चर्च के सदस्य कावरे की ओर दौड़े जहां श्री भवानी स्कूल स्थित था। उन्होंने ढही हुई इमारतों के मलबों के ढेर को हटा लिया और नींव खोदना, लोहे की छड़ों को बांधना, दीवारें व छत बनाना, और पेंट करना जैसे सभी काम खुद ही किए। सड़कों की स्थिति खराब होने के बावजूद, उन्होंने काठमांडू से लाई गई अच्छी सामग्रियों का उपयोग करके चार कक्षाओं वाले स्कूल का निर्माण पूरा किया। उन्होंने मेजों–कुर्सियों को खुद बनाया, पानी की टंकी रखी और स्कूल के चारों तरफ एक बाड़ा लगाया। उन्होंने सब कुछ बहुत बारीकी और ध्यान से किया। जब नींव खोदने का काम चल रहा था, तब विदेशी संस्कृति अनुभव दल के छात्र–छात्राओं ने जो कोरियाई विश्वविद्यालयों से छुट्टियों के दौरान नेपाल आए थे, निर्माण कार्य पूरा करने में हाथ बंटाया।

श्री भवानी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल की नई इमारत पूरी तरह तैयार कर दी गई, और उसका उद्घाटन समारोह 28 नवंबर 2016 को आयोजित किया गया। प्रधान पादरी किम जू चिअल जो भारत और नेपाल के कुछ क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे, नेपाल के शिक्षा मंत्रालय के उप–महानिदेशक केशरी रमन नेउपाने, स्थानीय शिक्षण एजेंसियों एवं स्कूल प्रबंधन समिति के अधिकारी, शिक्षक, छात्र–छात्राएं और काठमांडू चर्च के कुछ सदस्य सहित 300 से अधिक लोगों ने समारोह में भाग लिया।

पादरी किम जू चिअल ने अपने बधाई भाषण में कहा, “मुझे आशा है कि मां स्कूल एक शिक्षण संस्थान होगा जो छात्रों, यानी नेपाल के भविष्य के नायकों को माता की तरह, जो सबसे उत्तम शिक्षक और गुरु है, प्रेम से प्रशिक्षित करेगा।” फिर उन्होंने आशा जताई कि छात्र कठिनाइयों को पार करके और बड़े यत्न से पढ़ाई करके एक शानदार भविष्य बनाएंगे।

ⓒ 2016 WATV

उप–महानिदेशक केशरी रमन नेउपाने ने इस बात पर जोर देते हुए कि नेपाल का भविष्य शिक्षा पर निर्भर है, मां स्कूल परियोजना की सराहना की और यह कहकर आभार व्यक्त किया, “यह एक अच्छा उदाहरण है जो कोरियाइयों के स्नेहपूर्ण हृदयों को दिखाता है। यह प्रशंसा पाने के पूरी तरह योग्य है।” एक स्थानीय शिक्षण एजेंसी के अधिकारी गगन कुमार मंडल ने कहा, “चर्च ऑफ गॉड के सदस्यों ने सिर्फ स्कूल का निर्माण नहीं किया था, बल्कि स्वयंसेवा कार्य करने के दौरान छात्रों को बहुत सी चीजें भी सिखाई थीं। हम उनके धार्मिक कार्यों को जीवन भर याद रखेंगे।” उसके बाद समाज के हर क्षेत्र से प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने बधाई संदेश दिए, और वे सभी कहते रहे, “धेरै धेरै धन्यवाद!” जिसका मतलब है, “बहुत बहुत धन्यवाद!”

छात्र–छात्राओं ने लोक नृत्य का प्रदर्शन करके चर्च के सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। और इसके जवाब में समारोह में शामिल हुए काठमांडू चर्च ऑफ गॉड के 20 से अधिक छात्रों ने गीत गाते हुए उन्हें बढ़ावा और प्रोत्साहन दिया। जो नेपाल का भविष्य हैं, उन बच्चों को दिए गए समर्थन को मान्यता देते हुए, स्कूल ने चर्च ऑफ गॉड को प्रशंसा का प्रमाण–पत्र प्रदान किया। सदस्यों ने छात्र–छात्राओं को जो नवनिर्मित कक्षाओं में अपने भविष्य की रूपरेखा तैयार कर रहे थे, स्कूल बैग और स्टेशनरी सामग्रियों का दान दिया और आशा की कि परमेश्वर की आशीष सदा उन पर बनी रहे।
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